Monday, November 23, 2015

 फलसफा़


जीवन मैं एक बार जो फैसला कर लो तो फिर पीछे मुड़कर मत देखना;
क्योंकि पलट कर देखने वाले इतिहास नहीं बनाते !!


मैं अपनी परिस्तिथियों का परिणाम नहीं हूँ; मैं अपने फैसलों का परिणाम हूँ !!



जब तक आप किनारे को छोड़ कर नहीं जायेगे;
तब तक आप समुद्र पार नहीं कर सकते !!


आलोचना से बचने का बस एक ही तरीका है;
 कुछ मत करो, कुछ मत कहो, और कुछ मत बनो !!

Monday, August 24, 2015

चाहत 

आपकी नज़रो का एक नज़ारा चाहता हु 
चुपके से बस एक इशारा चाहता हूँ  

रहे सारा ज़माना खिलाफ मेरे कोई गम नहीं 
मैं तो सिर्फ एक आपका सहारा चाहता हूँ 

मिलता रहे सब कुछ हर पल नया आपको 
बस अपना एक साथ पुराना चाहता हूँ 

हम तड़पते है दिन रात आपकी यादों में 
आपको याद आके थोड़ा सतना चाहता हूँ 

आप तो रहते है हमेशा अपनों के भीड़ में 
कैसे कटती है मेरी तन्हाई ये बताना चाहता हूँ 

आप तो जान है मेरी, आपको जान कैसे दू 
अमानत है मेरी जिंदगी आपकी यही जाताना चाहता हूँ  

कश्ती है आप, कहीं न कहीं तो रुकना ही पड़ेगा 
जहां  रुके आप वहां का बन जाना किनारा चाहता हूँ  

हमें तो लूटते हैं हरेक रोज़ ज़माने वाले 
खुद लूट जाऊं आप पर एक ऐसा बहाना  चाहता हूँ। 


Tuesday, August 4, 2015

अंकुर 



मेरी जिंदगी का असली उड़ान अभी बाकी है 
ढल चुकी सुबह तो क्या हुआ, शाम अभी बाकी है।।

कट रहे हैं अभी रंजो गम भरे वक्त 
जिंदगी में एैशो आराम अभी बाकी है।।

अभी तो नापी है कुछ गज जमीं हमने 
गौर से देखो, सारा आसमान अभी बाकी है।।

हर किसी को समझा कुछ पल मे हमने 
सिर्फ मेरी ही बननी पहचान अभी बाकी है।।

नहीं उठेगी किसी कि नजर मेरे दोस्तों पे 
क्योंकि मेरे जिस्म में जान अभी बाकी है।।

मौजूद हैं दुनिया मे सिर्फ खोखले भरोसे वाले 
ऐसे में मेरा ईमान अभी बाकी है।।

कांपेगी धरती, हिलेगा अंबर, शहर होगी धुमिल 
उठने को बेताब ऐसा तुफान अभी बाकी है।।

कानून है अंधा इसलिए मर जाओ मार के 
मेरे दिल में छुपा ये अरमान अभी बाकी है।।

भारत के हैं संतान हम, महाराणा जैसी बात तो होगी ही 
"समर" को बनना "पृथ्वी राज चौहान" अभी बाकी है।।



Wednesday, July 15, 2015

नेता

                                                नेता

अमन बेच देंगे, चमन बेच देंगे
गरीबों के तन का कफ़न बेच देंगे।
सुखने ना देना कलम की स्याही 
जो सुख गई तो ये वतन बेच देंगे।

हवा बेच देंगे, गगन बेच देंगे
तिरंगे कि सलामी, नमन बेच देंगे.
अगर सो गए सरहदों पे सिपाही
तो शहीदों कि शहादत, सनम बेच देंगे।

नज़र बेच देंगे, जिगर बेच देंगे 
ना जाने कहां का किधर बेच देंगे। 
ना  करना भरोसा ये मौके के यार हैं 
आज करते है वादा, कल कसम बेच देंगे।

शहर आपका ये नहर बेच देंगे 
जो खाली पड़ा वो नगर बेच देंगे। 
सोने से पहले जगा देना किसी को 
सो गए सभी जो तो ये हर पहर बेच देंगे। 

करम बेच देंगे धरम बेच देंगे 
ममता की इज़्ज़त, शरम बेच देंगे। 
जिनका ईमान नहीं दुनिया में कोई 
वो लहू हिंदुस्तान का गरम बेच देंगे। 


Monday, July 13, 2015

सौगात

चाँद अपनी चांदनी सड़को पर बिछा के रोयेगा
हर ख़ुशी मेरे दर्द पर मुस्कुरा के रोयेगा...।। 
बदलेगा जमाना, भूल जाएंगे सभी मेरे नाम को
मगर हर परिंदा मेरी कहानी सुना के रोएगा...।।
जब भी होगी आँखे नम किसी की मेरी वजह से
तब हवा के झोंके अक्सर उसे सुखा के रोएगा...।।
जो कहता है मुझे याद रखेगा मेरे जाने के बाद
वही एक दिन मुझे मेरी जिंदगी में भूला के रोएगा...।।
हो जाएगी वीरान हर महफिल जिस दिन
उस दिन हर कोई एक दुसरे को रुला के रोएगा..।।
ना रहेगा प्यार, ना रहेगी दोस्ती यहां जब
तब उपर वाला भी "समर" को अपने पास बुला के रोएगा...।।